Thursday 31 January 2013

कैंसर का इलाज संभव है

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी पूरे विश्व में समस्या का विषय है और इस बीमारी का इलाज पता करने की जिम्मेदारी न केवल डॉक्टरों व वैज्ञानिकों की है बल्कि हममें से हर किसी की है।
  • -40 से 50 प्रतिशत कैंसर की रोकथाम स्वस्थ जीवनशैली का निर्वाह करके की जा सकती है।
  • -10 से 20 प्रतिशत कैंसर की रोकथाम स्वयं का निरीक्षण या अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देकर किया जा सकता है।
  • -40 से 50 प्रतिशत कैंसर साल में एक बार पूर्ण रूप से स्वास्थ्य निरीक्षण करके किया जा सकता है।
  • -कैंसर का इलाज संभव हैं अगर इसका पता शुरुआती दौर में लग जाता है।

कैंसर की रोकथाम के कुछ उपाय:

  • -सिगरेट व शराब का सेवन कम करें इनसे फेफड़ों, सिर व गले के कैंसर का खतरा हो सकता है।
  • -ज्यादा तला भुना व वसा युक्त भोजन कम खाएॅ, इससे ब्रेस्ट व प्रोस्ट्रेट कैंसर का खतरा होता है।
  • -स्वस्थ रहने के लिए रोज़ व्यायाम करें।
  • -फेफड़ो के कैंसर से बचने के लिए किसी भी प्रकार के केमिकल्स जैसे फंगीसाइड, इंसेक्टिसाइड, पेन्ट, क्लीनर से दूर रहें।
  • -अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहें।
  • -गर्मियों के मौसम में सूरज की किरणों के संपर्क में आने से बचें, ऐसा करके आप स्किन कैंसर से बच सकते हैं।
  • -अपनी सुरक्षा के लिए ब्रेस्ट व प्रोस्ट्रेट कैंसर से बचने के लिए कुछ रेगुलर चेकअप कराते रहें।

कैंसर को पहचानने के कुछ उपाय:

  • -प्रत्येक व्यक्ति को महीने में एक बार रेगुलर चेकअप कराना चाहिए।
  • -व्यक्ति जो किसी भी कारण से डॉक्टर के पास जाते है उन्हें एक बार कैंसर का चेकअप भी कराते रहना चाहिए।
  • अगर कैंसर का थोड़ा सा भी शक है आपको तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

चिकित्सा शुरू करने से पहले क्या करें

  • -कैंसर की स्थिति जानने के लिए टिशू टेस्ट करायें। पता करें कि कैंसर किस स्टेज में है।
साभार: ओन्ली माई हैल्थ.कॉम

लावण्य मैं कैंसर के २०००० से ज्यादा मरीज़ का सफलतापूर्वक इलाज़ हुआ ।

Wednesday 30 January 2013

कैंसर के पांच बड़े लक्षण

कैंसर एक घातक बीमारी है। लेकिन जीवनशैली में थोडी सी सावधानी बरती जाये तो इससे दूर भी रहा जा सकता है। अगर कैंसर के लक्षण समय रहते दिखने लगे तो जरूरी उपाय करके इससे बचा जा सकता है। शरीर में विभिन्न प्रकार के कैंसर हो सकते हैं जैसे- मुंह का कैंसर, ब्रेस्ट  कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, पेट का कैंसर, ब्रेन कैंसर आदि। लेकिन अगर इसके लक्षणों का पता नहीं चल पाता है तो आपके लिए कैंसर जानलेवा साबित हो सकता है।

कैंसर के पांच बडे लक्षण

1- पेशाब और शौच के समय आने वाला खून।
2- खून की कमी जिससे एनीमिया हो जाता है, थकान और कमजोरी महसूस करना, तेज बुखार आना और बुखार का ठीक न होना।
3- खांसी के दौरान खून का आना, लंबे समय तक कफ आना, कफ के साथ म्यूकस आना।
4- स्तन में गांठ, माहवारी के दौरान अधिक स्राव होना।
5- कुछ निगलने में दिक्कत होना, गले में किसी प्रकार का गांठ होना, शरीर के किसी भी भाग में गांठ या सूजन होना।


प्रमुख कैंसर और उनके लक्षण

स्तन कैंसर :

अधिक प्रसव व शिशु को स्तनपान न कराने से स्‍तन कैंसर होता है। डिंबग्रंथि (ओवरी) से उत्सर्जित हार्मोन भी इसको पैदा करते हैं।

गर्भाशय का कैंसर :

छोटी उम्र में विवाह, अधिक प्रसव, संसर्ग के दौरान रोग, प्रसव के दौरान गर्भाशय में किसी प्रकार का घाव होना और वह ठीक होने से पहले गर्भधारण हो जाए तो 40 की उम्र के बाद गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा रहता है। मीनोपॉज के बाद रक्तस्राव होना, और दुर्गंध आना, पैरों व कमर में दर्द रहना इसके लक्षण हैं।

रक्त कैंसर (ल्यूकेमिआ) :

एक्सरे और विकिरण प्रणाली से किरणें यदि शरीर के अन्दर प्रवेश कर जाएं तो अस्थियों को प्रभावित करती हैं, जिससे उसके अन्दर खून के सेल्स भी प्रभावित होते हैं। मुख से खून निकलना, जोड़ों व हडि्डयों में दर्द, बुखारा का लगातार कई दिनों तक बना रहना, डायरिया होना, प्लीहा व लसिका ग्रंथियों के आकार में वृद्धि होना, सांस लेने में दिक्कत होना इसके प्रमुख लक्षण हैं।

मुख का कैंसर :

तंबाकू सेवन मुख व गले के कैंसर का मुख्य कारण है। मुख के भीतर कोई गांठ, घाव या पित्त बन जाना, मुंह में सफेद दाग, लार टपकना, बदबू आना, मुंह खोलने, बोलने व निगलने में दिक्कत होना इसके लक्षण हैं।

लंग कैंसर :

हल्की निरंतर खांसी आना, खांसी के साथ खून आना, आवाज में बदलाव आना, सांस लेने में दिक्कत होना इसके लक्षण हैं।

आमाशय का कैंसर :

पेट में दर्द, भूख बहुत कम आना, कभी-कभी खून की उल्टी होना, खून की कमी। पतले दस्त, शौच के समय केवल खून निकलना, आंतों में गांठ की वजह से शौच न होना इसके प्रमुख लक्षण हैं।

सर्वाइकल कैंसर :

इसके फैलने के बाद रक्त-सामान या मलिन योनिक स्राव उत्पन्न करता है जो कि संभोग या असामान्य रक्त स्राव के बाद नजर आता है। सर्वाइकल कैंसर की प्रारंभिक अवस्थाएं पीडा, भूख की कमी, वजन का गिरना और अनीमिया उत्पन्न करती हैं।

ब्रेन कैंसर :

ब्रेन कैंसर में मस्तिष्क या स्पाइनल कॉर्ड में गांठ होती है जिससे चक्कार आना, उल्टी  होना, भूलना, सांस लेने में दिक्कत होना इसके प्रमुख लक्षण हैं। ( न्यूज़ ओन्‍ली माई हैल्‍थ)
लावण्य मैं कैंसर के २०००० से ज्यादा मरीज़ का सफलतापूर्वक इलाज़ हुआ ।

Tuesday 29 January 2013

बोन कैंसर की चिकित्सा कैसे करें?

एक उम्र के बाद हड्डियों में दर्द होना आम बात है लेकिन कई बार समय से पहले ही हड्डियों में दर्द होने लगता है। वृद्धावस्था  में होने वाला हड्डियों में दर्द ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है या फिर हड्डियों में कमजोरी के कारण ऐसा हो सकता है। लेकिन हड्डियों में कम उम्र में होने वाला दर्द बोन कैंसर हो सकता है। बोन कैंसर आमतौर पर कम उम्र में होता है और कैंसर की अवस्था भी उम्र के हिसाब से अलग-अलग होती है। बोन कैंसर चिकित्सा  करने के लिए यह पता लगाना जरूरी होता है कि आखिर बोन कैंसर किस स्टेलज का है। आइए जानें बोन कैंसर की चिकित्सा कैसे करें।
  • यह तो सभी जानते हैं वृद्धावस्थां में होने वाला हड्डियों में दर्द बहुत खतरनाक होता है लेकिन जब यही हड्डियों का दर्द बच्चों  को हो तो आप कल्पोना कीजिए बच्चों  के लिए कितना असहनीय हो सकता है।
  • आमतौर पर 5 से 25 साल तक की उम्र में होने वाले हड्डियों के दर्द को ही बोन कैंसर कहा जाता हैं।
  • कम उम्र में हड्डियों में होने वाले दर्द को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए बल्कि इसका सही समय पर इलाज करना चाहिए। अन्य2था ये आगे चलकर बोन कैंसर का रूप ले सकता हैं।
  • बोन कैंसर का कारण जेनेटिक लेवल में किसी गड़बड़ी के कारण होता है, इसीलिए यह बीमारी कम उम्र या युवावस्था में होती है।
  • बोन कैंसर को पहचानना मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण सामान्यस रूप से होने वाले दर्द की तरह ही होते हैं।
  • बोन कैंसर अधिकतर हाथ-पैरों की में ही होता है और हडि्डयों में सूजन आने पर बढ़ने लगता है।
  • बोन कैंसर के इलाज के लिए जरूरी है कि यह पता लगाया जाएं कि बोन कैंसर किस अवस्था़ का है यानी बोन कैंसर दो रूपों में होता है इविंग सारकोमा और ओस्टियो सारकोमा।
  • यदि बोन कैंसर ओस्टियो सारकोमा है तो यह कैंसर आमतौर पर हड्डियों के आखिरी भाग में होता है। ये कैंसर होने पर इसके कारणों का पता लगाना बहुत जरूरी है और इविंग सारकोमा बड़ी हड्डियों में होता है।
  • कैंसर का इलाज जांच के बाद ही होता है। जांच में कैंसर किस जगह पर है, किस प्रकार का है, किस स्टेपज पर है यह पता लगने के बाद ही इलाज संभव है। हालांकि बोन कैंसर का इलाज कई तरीकों से किया जाता है।
  • यदि इविंग सारकोमा कैंसर है तो कीमोथेरेपी या जरूरत के हिसाब से रेडियोथेरेपी दी जाती है, जबकि ओस्टियो सारकोमा थेरेपी के बजाय सर्जरी की जाती है।
  • यदि बोन कैंसर का इलाज सही समय पर ना करवाया जाए तो आगे जाकर बहुत परेशानियां हो सकती है, यहां तक की कैंसर के कारण शरीर का वह हिस्साव बेकार भी हो सकता है।
  • जैसे की हर ट्रीटमेंट के दौरान कुछ ना कुछ साइड इफेक्ट  होते हैं वैसे ही बोन कैंसर के इलाज के दौरान भी दवाईयों से और थेरेपी से कुछ साइड इफेक्टा होते हैं लेकिन यह साइड इफेक्ट  बोन कैंसर के नुकसान से बहुत कम है।
  • यदि आपके घर में भी बच्चेस या युवा को हड्डियों में दर्द की शिकायत है तो बिना दर्द किए डॉक्ट र से संपर्क करना चाहिए। ( न्यूज़ ओन्‍ली माई हैल्‍थ)
    लावण्य मैं कैंसर के २०००० से ज्यादा मरीज़ का सफलतापूर्वक इलाज़ हुआ ।

Saturday 26 January 2013

आओ भारत को कैंसर मुक्त बनायें!

              लावण्य आयुर्वेदिक हॉस्पिटल                   

ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी जिससे हर महिला डरती है, एक ऐसी बीमारी जिससे हर लड़की खौफ खाती है। देश भर में लोगों को जागरूक बनाने के लिए लावण्य कार्यरत है ।

आकड़ों की माने तो भारत में फिलाहल 22 महिलाओं में से एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की मरीज है। हर साल ब्रेस्ट कैंसर के तकरीबन 75 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। एक अनुमान है कि 2015 तक इस बीमारी के ढाई लाख से ज्यादा मामले सामने आएंगे। ग्रामीण महिलाओं के मुकाबले शहरी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं। वहीं दुनिया भर में हर 3 मिनट पर एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी से पीड़ित हो जाती है। जबकि हर 13 मिनट पर एक महिला की इस बीमारी से मौत हो जाती है।

Thursday 24 January 2013

Cancer Screening


Doctor: Good evening, Mrs. M. How are you?
Mrs. M: I am fine, thank you. Now that I am 40, I thought I should get
my yearly check-up for blood pressure and diabetes.

Doctor: Don’t forget cancer screening tests also.
Mrs. M: Cancer? Why should I get checked for it? I don’t use tobacco in
any form, I exercise regularly, I feel fit and fine, and nobody in my
family has had cancer. Why should I get tests for cancer?

Doctor: I know you lead a healthy life and that nobody in your family
has had cancer, but that does not mean that you may never get
cancer. All types of cancer have been found in people who have good
habits and no family history.

Mrs. M: What should I do?
Doctor: You should continue your healthy lifestyle and have regular
screening tests. These tests can help find problems before cancer
develops. The tests can also find cancers in a very early stage when
there is more effective treatment.

Mrs. M: I have heard that if you get these screening tests done, you
are likely to find cancer. I am worried about finding something wrong
in these tests.

Doctor: Screening does not increase the risk of cancer. The tests used
today for screening have been tested over several years, and they do
not increase the risk of cancer. By screening a patient, we can actually
find a problem before it becomes cancer.

Mrs. M: That is encouraging! So may I get screened for all cancers?
Doctor: Effective screening tests are available for the most common
cancers in women in India – breast cancer and cervical cancer.

Mrs. M: What are these screening tests?
Doctor: For breast cancer, you should do a self-breast examination. Look
at your breasts in front of the mirror, and examine your breasts every
month. Do this about one week after your menses when your breasts
are less likely to be tender. With this exam, you are feeling and looking
for changes in your breasts –such as a lump that was not there last
month, a change in the size of a breast, dimpling of the skin, rash, or
redness. If you find any changes, tell your doctor. You should also get
a breast examination by your family physician or gynecologist every
year. A doctor is trained to detect problems in your breast.

Mrs. M: That sounds easy enough. I can start these tests now.
Doctor: We can test for cervical cancer with a Pap test. A Pap test can find
precancerous changes that can be treated easily and this will prevent a
cervical cancer. It can also find cancer in an early stage.

Mrs. M: Does it hurt?
Doctor: It is not painful. In this test, a sample is taken from the outer
part of the cervix (the lowermost part of the uterus) with a wooden or
plastic spatula. The sample is spread on glass slides and then examined
under a microscope by a pathologist. If he finds a problem, he may
suggest other tests. If everything is fine, you need to repeat the test
every year. If the test is normal for 3 years, then you can have the Pap
test less often.

Mrs. M: How much do these screening tests cost?
Doctor: A breast exam by your doctor will be part of the cost for your
visit. A Pap test will cost about Rs 200/-.

Mrs. M: Are there any other tests?
Doctor: A mammogram (x-ray of the breasts) can also be done. But
this is done only in some women after a discussion with their doctor.

Mrs. M: What if the test shows I have cancer?
Doctor: If that should happen, then you and I will talk about what our
next steps will be.


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Monday 21 January 2013

स्तन कैंसर: क्या है पहचान, बचाव का सर्वोत्तम उपाय?

महिलाओं में तेजी से फैलते स्तन कैंसर का मुकाबला करने के लिए सांकेतिक रूप से गुलाबी रंग की वेशभूषा और हाथों में गुलाबी रंग के बैनर लेकर चलना ही काफी नहीं है अगर इस बीमारी से बचना है तो इसकी सही समय पर पहचान करना बेहद जरूरी है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि स्तन कैंसर से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि उसकी समय से पहचान कर ली जाए। स्तन कैंसर की यदि समय से पहचान कर ली जाए तो इसके पूरी तरह से ठीक हो जाने की बड़ी संभावना रहती है। स्तन कैंसर से जुड़ी यह वो महत्वपूर्ण जानकारी है जो दुनिया भर में लाखों महिलाओं के लिए एक बड़ी उम्मीद जगाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर के जितने भी ज्ञात प्रारूप हैं उनमें स्तन कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाता है। महिलाओं की अधिकतर मौतें स्तन कैंसर के कारण होती हैं और इस बीमारी का देर से पता लगना ही इसे बड़े पैमाने पर जानलेवा बनाता है। चिकित्सा विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि अगर स्तन कैंसर से बचना है तो इसका सबसे अच्छा उपाय यही है कि समय रहते इस बीमारी का पता लगाने के लिए इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी इकट्ठा की जाए। स्तन कैंसर समय से पता लगाना ही इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है।
इस संदर्भ में हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि दुनिया भर के 80 से 90 प्रतिशत मरीज अपने आप ही स्तन कैंसर की जांच कर सकते हैं। महिलाएं अपने हाथ से छूकर स्तन मे किसी गांठ का पता लगा सकती हैं और यदि उन्हें गांठ जैसी कोई चीज महसूस करें तो वह आगे चिकित्सक से मिलकर मदद ले सकी है। न्यूज़ (IBN Khabar)
लावण्य मैं कैंसर के २०००० से ज्यादा मरीज़ का सफलतापूर्वक इलाज़ हुआ ।

Sunday 20 January 2013

Breast cancer Self Exam

The Five Steps of a Breast Self Exam



Step 1: Begin by looking at your breasts in the mirror with your shoulders straight and your arms on your hips.
Here's what you should look for:
  • ·         Breasts that are their usual size, shape, and color

  • ·         Breasts that are evenly shaped without visible distortion or swelling

If you see any of the following changes, bring them to your doctor's attention:

  • ·         Dimpling, puckering, or bulging of the skin

  • ·         A nipple that has changed position or an inverted nipple (pushed inward instead of sticking out)

  • ·         Redness, soreness, rash, or swelling

Step 2: Now, raise your arms and look for the same changes



Step 3: While you're at the mirror, look for any signs of fluid coming out of one or both nipples (this could be a watery, milky, or yellow fluid or blood).
Step 4: Next, feel your breasts while lying down, using your right hand to feel your left breast and then your left hand to feel your right breast. Use a firm, smooth touch with the first few finger pads of your hand, keeping the fingers flat and together. Use a circular motion, about the size of a quarter.
Cover the entire breast from top to bottom, side to side — from your collarbone to the top of your abdomen, and from your armpit to your cleavage.
Follow a pattern to be sure that you cover the whole breast. You can begin at the nipple, moving in larger and larger circles until you reach the outer edge of the breast. You can also move your fingers up and down vertically, in rows, as if you were mowing a lawn. This up-and-down approach seems to work best for most women. Be sure to feel all the tissue from the front to the back of your breasts: for the skin and tissue just beneath, use light pressure; use medium pressure for tissue in the middle of your breasts; use firm pressure for the deep tissue in the back. When you've reached the deep tissue, you should be able to feel down to your ribcage.
Step 5: Finally, feel your breasts while you are standing or sitting. Many women find that the easiest way to feel their breasts is when their skin is wet and slippery, so they like to do this step in the shower. Cover your entire breast, using the same hand movements described in Step 4.
लावण्य मैं कैंसर के २०००० से ज्यादा मरीज़ का सफलतापूर्वक इलाज़ हुआ ।
 

Saturday 19 January 2013

REDUCE RISK OF GETTING CANCER


Healthy Habits


HOW DO I REDUCE MY RISK OF GETTING CANCER?
There are five habits that each of us can do to greatly reduce our risks of dying from cancer:

1.      Maintain a healthy weight

2.      Stay physically active

3.      Eat fruits and vegetables

4.      Avoid tobacco

5.      Limit alcohol consumption

6.      Regular screenings




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